Famous Lakes In Chamba District

Famous Lakes In Chamba District

||Famous Lakes In Chamba District||Famous Lakes In Chamba Distt|| 

Famous Lakes In Chamba District

Read More:-

 

जिला चम्बा :- Famous Lakes in Chamba District

  • घडासरू झील : जिला चम्बा में घडासरू झील, तिस्सा से 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तिस्सा चम्बा शहर से 72 किलोमीटर की दूरी पर है। यह झील समुद्र तल से 3505 मीटर की ऊँचाई पर है जिसकी परिधी लगभग एक किलोमीटर है। इस झील के किनारे काली माता का मंदिर है जहाँ काली भक्त बड़ी संख्या में झील एवं मंदिर के दर्शन के लिए जाते हैं। 
  • खजियार झील : सुन्दर हरेभरे घास के मैदान के मध्य स्थित कटोरीनुमा इस झील का क्षेत्रफल 1.5 किलोमीटर लम्बाई तथा 1 किलोमीटर चौड़ाई है। समुद्रतल से 1951 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह झील जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर की दूरी पर है। देवदार के घने पेड़ों के मध्य स्थित इस झील की  सुन्दरता आकर्षण का केंद्र है। झील के किनारे खाजी नाग का मंदिर है जिसके नाम पर इस झील का नाम पड़ा। यह झील डलहौजी चम्बा मार्ग पर डलहौजी से 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जिसे लघु आधार पर स्वीटजरलैंड का तगमा 7 जुलाई 1992 को भारत में स्वीटजरलैंड के राजदूत पी. बलेजर द्वारा अधिकारिक रूप से दिया गया था। प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में पर्यटक यहाँ भ्रमण करने आते हैं। स्वीटजरलैंड द्वारा चयनित विश्व में ऐसे 160 पर्यटक स्थल हैं जिन्हें उनकी सुन्दरता तथा प्राकृतिक विशेषता लघु स्वीटजरलैंड की उपाधि मिली हुई है। खजियार झील के किनारे लगे एक अधिकारिक सूचना पटल पर खजियार से स्वीटजरलैंड की राजधानी बर्न की दूरी 6194 किलोमीटर दर्शाई गई है। झील की सुंदरता की अक्षुण रखने तथा इसके विकास हेतु खजियार विकास बोर्ड की स्थापना की गई है, जिसका अध्यक्ष जिलाधीश चम्बा होता है। 
  • लामा डल झील : चम्बा से 45 किलोमीटर दूर धौलाधार की पर्वत श्रृंखला की आंतरिक ढलान पर स्थित यह सात झीलों का समूह है, जिनमें सबसे बड़ी लामा डल झील है, जिसकी समुद्र तल से ऊँचाई 3962 मीटर (13200 फुट) है। यह दैनकुंड से 20 किलोमीटर दूर है। इस पवित्र झील की गहराई के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस झील का कुल क्षेत्रफल लगभग 2 वर्ग किलोमीटर है। साथ लगते हिमनद इसके पानी का बारहमासी ग्रोत हैं। स्थानीय गद्दी जनजाति के लोग, कृष्णा जन्माष्टमी के पावन पर्व पर यहां प्रार्थना करने हेतु आते हैं। 
  • महाकाली झील : यह झील जो समुद्रतल से 3657 मीटर ऊँचाई पर स्थित है, खजियार तथा जिला चम्बा की चुराह क्षेत्र की मनीमहेश झील से थोड़ी बड़ी है। यह झील काली माता को समर्पित है। 
  • मणिमहेश झील : 3950 मीटर समुद्रतल से ऊंचाई, चम्बा के कैलाश की मणिमहेश चोटी के नीचे जो 30.21 वर्गमीटर क्षेत्रफल की है और समुद्रतल से 4000 मीटर की ऊंचाई है। मणिमहेश झील में वैज्ञानिकों ने दुर्लभ एंटी फ्रीज-प्रोटीन बैक्टीरिया की खोज की है। ये बैक्टीरिया माइनस 20 डिग्री तापमान में पनपता है। इसकी विशेष यह है कि इतने ठंडे पानी में भी शरीर को जमने नहीं देता और उसे लड़ने की ताकत देता है। इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि ये बैक्टीरिया आर्कटिक और एंटार्टिक में पाई जाने वाली व्हेल मछली में पाया जाता है। यही कारण है कि व्हेल बर्फ से जमे समुद्रों में भी जिंदा रहती है। बैक्टीरिया उसके शरीर को गर्मी देता है जो उसे माइनस 50 डिग्री में भी बचाए रखता है। समुद्र तल से 13390 फीट की ऊंचाई पर स्थित मणिमहेश झील के पानी पर शोध शूलिनी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने किया था। झील के पानी के सैंपल पर महीनों की शोध के बाद सफलता मिली है। यह बैक्टीरिया माइक्रोव है इसलिए इसे माइक्रोस्कोप के बिना नहीं देखा जा सकता है। वैज्ञानिकों ने इसे एमएमपीएच-4 बैक्टीरिया नाम दिया है ये बैक्टीरिया मणिमहेश झील में बहुतायत में है। भारत में इस तरह की यह पहली खोज है। एमएमपीएच-4 बैक्टीरिया शारीरिक और पेड़-पौधों की संरचना में महत्वपूर्ण उपलब्धि सावित हो सकता है। इस बैक्टीरिया से एंटी फ्रीज का शोधन करने के बाद वैज्ञानिक इससे फलों, सब्जियों और खाद्य पदार्थों को लंबे समय तक सुरिक्षत रखने वाले प्रिजरवेटिव बनाने की तैयारी में अग्रसर हैं। एंटी फ्रीज प्रोटीन ठंडे मरुस्थलीय क्षेत्रों में फसलें उगाने में सहायक सिद्ध होगा। शोध के अनुसार इससे बनन वाली खाद कारगर सिद्ध होगी। विदेशों में चिकित्सा जगत में इस एंटी फ्रीज प्रोटीन का प्रयोग हो रहा है। अगर किसी व्यक्ति के किस्से अंग को लकवा मार जाए तो इसके प्रयोग से यह जम चुके अंग या शरीर के हिस्से के लिए कारगार इलाज   सिद्ध होता है। एंटी फ्रीज प्रोटीन के मानव पर प्रभावों के बारे में विशेषज्ञों के अलग-अलग मत हैं। पैक्ड खाने पुरुष की के माध्यम से हर रोज ये प्रोटीन बहुत थोड़ी मात्रा में लोगों के शरीर में जाता है। यह एंटी फ्रीज प्रोटीन प्रजनन क्षमता पर भी प्रभाव डालता है। जबकि कुछ चिकित्सकों ने इसे सर्जरी इत्यादि के समय प्रयोग योग्य बताया है। 
  • चन्द्रकुप झील : यह झील समुद्र तल से 3450 मीटर (14000 फुट) की ऊँचाई पर चम्बा के ऊपरी क्षेत्र में धर्मशाला की ओर स्थित है। ग्रीष्म ऋतु में झील के पानी में तैरते हुए बर्फ के टुकड़े एक अलग ही दर्शनीय तथा यादगार अनुभव प्रस्तुत करते हैं। इस झील तक पहुँचने का रास्ता कठिन, ढलानदार तथा उबड़-खाबड़ है जो अधिकांशत: बर्फ से ढका रहता है। यह झील धौलाधार पर्वत श्रृंखला में सबसे अधिक ऊँचाई पर स्थित झील है।

Join Our Telegram GroupClick Here
Advertisement with usClick Here
Download Himexam APPClick Here
Himachal GKClick Here

Top Post Ad