Indian Constitution One Liner PDF In Hindi:-संविधान शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द से हुई।
ब्रिटेन के संविधान को विश्व के सभी संविधानों की जननी कहा जाता है।
1895 ई. में बाल गंगाधर तिलक ने स्वराज विधेयक का प्रारूप प्रस्तुत किया । उसके बाद 1922 में महात्मा गांधी तथा 1934 में जवाहर लाल नेहरू ने भारतीय संविधान के निर्माण के लिए संविधान सभा के गठन की माँग की।
भारतीय संविधान के ऐतिहासिक विकास का काल 1600 ई. से प्रारम्भ होता है। इसी वर्ष इंग्लैण्ड में ईस्ट इण्डिया कम्पनी की स्थापना हुई थी। .
कम्पनी के प्रबंधन की समस्त शक्ति गवर्नर तथा 24 सदस्यीय परिषद् में निहित थी ।
1773 ई. का रेग्यूलेटिंग एक्ट : - इस एक्ट के तहत वारेन हेस्टिग्स को बंगाल का गर्वनर जनरल बनाया गया।
इस अधिनियम के अन्तर्गत कलकत्ता में 1774 ई. एक उच्चतम न्यायालय की स्थापना की गयी जिसमें एक मुख्य न्यायाधीश व तीन अन्य न्यायधीश थे। इसके प्रथम मुख्य न्यायधीश सर एलिजाह इम्पे थे।
1784 का पिट्स इण्डिया एक्ट : - पिट्स इंडिया एक्ट को एक्ट ऑफ सैटलमेंट के नाम से भी जाना जाता है। इस एक्ट के द्वारा द्वैध शासन का आरम्भ हुआ।
1813 का चार्टर अधिनियमः कम्पनी के अधिकार पत्र को 20 वर्षों के लिए बढ़ाया गया।
1833 का चार्टर अधिनियमः बंगाल के गर्वनर जनरल को भारत का गर्वनर जनरल कहा जाने लगा।
लार्ड मैकाले की अध्यक्षता में प्रथम विधि आयोग का गठन किया गया ।
भारत में दास प्रथा को विधि विरूद्ध घोषित कर दिया गया ।
1858 का भारत शासन अधिनियमः - भारत का शासन कम्पनी के हाथों से ब्रिटिश महारानी के हाथों में चला गया ।
मुगल सम्राट के पद को समाप्त कर दिया गया ।
भारत में शासन संचालन के लिए ब्रिटिश मंत्रिमंडल में एक सदस्य के रूप में भारत के राज्य सचिव की नियुक्ति की गयी। वह अपने कार्यों के लिए ब्रिटिश संसद के प्रति उत्तरदायी होता था ।
भारत के गवर्नर जनरल का नाम बदलकर वायसराय कर दिया गया। अतः इस समय के गवर्नर जनरल लॉर्ड कैनिंग अंतिम गवर्नर जनरल एवं प्रथम वायसराय हुए।
1861 ई. का भारत परिषद् अधिनियमः- गर्वनर जनरल को अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान की गई। ऐसे अध्यादेश की अवधी 6 माह होती थी।
1862 ई. में लॉर्ड कैनिंग ने तीन भारतीयों- बनारस के राजापटियाला के महाराजा और सर दिनकर राव को विधानपरिषद् में मनोनित किया।
1892 ई. का भारत परिषद् अधिनियमः- इस अधिनियम के द्वारा अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली की शुरूआत हुई।
1909 का भारत परिषद् अधिनियम (मार्ले-मिन्टो सुधार ) : - पहली बार मुस्लिम समुदाय के लिए पृथक प्रतिनिधित्व का उपबन्ध किया गया। इसके अन्तर्गत मुस्लिम सदस्यों का चुनाव मुस्लिम मतदाता ही करते थे
इस अधिनियम को साम्रदायिकता निर्वाचक के रूप में भी जाना जाता है।
सत्येंद्र प्रसाद सिन्हा वायसराय की कार्यपालिका परिषद के प्रथम भारतीय सदस्य बने। उन्हें विधि सदस्य बनाया गया। नोट : - 1909ई. में लॉर्ड मॉर्ले इंग्लैंड में भारत के राज्य सचिव थे और लॉर्ड मिंटो भारत के वायसराय ।
1919 का भारत शासन अधिनियम ( माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार) : - प्रान्तों में द्वैध शासन लगाया गया।
इस अधिनियम के द्वारा लोक सेवा आयोग का गठन किया गया ।
पहली बार केन्द्रीय बजट को राज्यों के बजट से अलग कर दिया गया ।
भारत में पहली बार महिलाओं को मतदान देने का अधिकार 1926 में दिया गया ।
1935 का भारत शासन अधिनियमः- इस अधिनियम में 321 अनुच्छेद और 10 अनुसूचियाँ थी। इस अधिनियम के द्वारा प्रान्तों में से द्वैध शासन को हटा दिया गया तथा केन्द्र में द्वैध शासन की स्थापना की गई। साम्प्रदायिक निर्वाचन पद्धति का विस्तार किया गया ।